मेरे मन की बात मेरे मन की बात
मैं जीना सीख गई हूं मैं अपनी कहानी से सन्तुष्ट हूं । मैं जीना सीख गई हूं मैं अपनी कहानी से सन्तुष्ट हूं ।
मेरे ज़ख्मों पर मेरे ज़ख्मों पर
दरका हो गा ' उसका जिगर भी कई कई बार यूँ ही नहीं कोई करता आत्महत्या का विचार । दरका हो गा ' उसका जिगर भी कई कई बार यूँ ही नहीं कोई करता आत्महत्या का विचार ।
लिखने को बहुत कुछ है , पर कहाँ से शुरु करें। लिखने को बहुत कुछ है , पर कहाँ से शुरु करें।
अब उसका एक मात्र सपना "स्कॉलर" कहलाया था। अब उसका एक मात्र सपना "स्कॉलर" कहलाया था।